Sambhal
संभल को डिजिटल बनाने के लिए कई स्तरों पर काम करना होगा, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना, डिजिटल साक्षरता बढ़ाना और नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं से जोड़ना शामिल है। हाल ही में संभल जिला प्रशासन ने पंचायत सचिवों की उपस्थिति की डिजिटल निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
1. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
किसी भी शहर को डिजिटल बनाने के लिए मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा सबसे अहम है।
हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी: संभल के हर घर और व्यवसाय तक किफायती और विश्वसनीय ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाना। इसके लिए BharatNet जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट: प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैंड, अस्पताल, बाजार और सरकारी कार्यालयों में मुफ्त या सस्ती वाई-फाई सुविधाएं उपलब्ध कराना।
डाटा सेंटर और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर: सरकारी विभागों और स्थानीय व्यवसायों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय डाटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग सुविधाएं विकसित करना।
स्मार्ट सेंसर और IoT: शहर भर में स्मार्ट सेंसर लगाना जो यातायात, कचरा प्रबंधन, जल आपूर्ति और वायु गुणवत्ता की निगरानी कर सकें। यह "स्मार्ट सिटी" अवधारणा का हिस्सा है।
2. ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन सेवाएं
सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन लाकर पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सकती है।
नागरिक केंद्रित सेवाएं: जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र, संपत्ति पंजीकरण, व्यापार लाइसेंस, पानी/बिजली के बिल भुगतान, और शिकायत निवारण जैसी सभी सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराना। उत्तर प्रदेश सरकार की e-District और e-Nagar Sewa जैसी पहल संभल में भी पूरी तरह लागू की जा सकती हैं।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा: सभी सरकारी और निजी लेनदेन में डिजिटल भुगतान (UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड) को प्रोत्साहित करना।
भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: सभी भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में बदलना और उन्हें ऑनलाइन सुलभ बनाना, जिससे धोखाधड़ी कम होगी और प्रक्रियाओं में तेजी आएगी। उत्तर प्रदेश में Bhulekh जैसी परियोजनाएं पहले से ही हैं।
ऑनलाइन शिकायत निवारण: नागरिकों के लिए अपनी शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने और उनकी स्थिति को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करना (जैसे IGRS-Jan Sunwai)।
स्मार्ट पालिका प्रोजेक्ट: संभल नगर पालिका को "स्मार्ट पालिका प्रोजेक्ट" के तहत चुना गया है, जिससे शहरी विकास में तकनीकी सुधार और नई सेवाओं की शुरुआत होगी।
3. डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास
डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने के लिए नागरिकों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना आवश्यक है।
डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नागरिकों को कंप्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट का उपयोग करने का प्रशिक्षण देना।
सरकारी कर्मचारियों का प्रशिक्षण: सरकारी कर्मचारियों को नई डिजिटल प्रणालियों और उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करना।
ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म: छात्रों और वयस्कों के लिए ऑनलाइन शैक्षिक संसाधनों और कौशल विकास कार्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करना।
4. स्थानीय अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण
व्यवसायों को डिजिटल उपकरण अपनाने में मदद करना स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
एमएसएमई का डिजिटलीकरण: छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) को ऑनलाइन उपस्थिति बनाने, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने और डिजिटल भुगतान स्वीकार करने में मदद करना।
डिजिटल मार्केटिंग: स्थानीय व्यवसायों को डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना।
स्टार्टअप इकोसिस्टम: डिजिटल नवाचार और प्रौद्योगिकी-आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना।
5. सुरक्षा और डेटा गोपनीयता
डिजिटल परिवर्तन के साथ-साथ डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
साइबर सुरक्षा उपाय: डिजिटल प्रणालियों और नागरिकों के डेटा को साइबर हमलों से बचाने के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करना।
डेटा गोपनीयता नीतियां: यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट नीतियां और दिशानिर्देश स्थापित करना कि नागरिक डेटा को सुरक्षित और जिम्मेदारी से संभाला जाए।
संभल को डिजिटल बनाने की यह यात्रा निरंतर प्रयासों और सभी हितधारकों - सरकार, नागरिकों, व्यवसायों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं - के सहयोग से ही सफल हो सकती है।
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